“ईरान को लगी तगड़ी! ट्रंप बोले – अभी और आएगी!”-जानिए पूरी रिपोर्ट।

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर इसराइल के हालिया हमलों को लेकर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने हमले को “एक्सीलेंट” बताया और कहा कि,

“हमने ईरान को मौका दिया, लेकिन उन्होंने उसे गंवा दिया। अब उन्हें तगड़ी चोट पहुंची है — और ये सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा।”

सिंदूर के नीचे साजिश! सोनम का हनीमून बना ‘क्राइमून’

ट्रंप के इस बयान ने कूटनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर भी स्पष्ट किया कि ईरान को बार-बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन परमाणु डील को लेकर उसने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

“समझौता नहीं किया तो अब अंजाम भुगतो” – ट्रंप का संदेश

ट्रंप का कहना है कि उन्होंने ईरान से पहले ही कह दिया था कि न्यूक्लियर डील पर समझौता करें वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने लिखा,

“अब बहुत ज्यादा मौतें और विनाश हो चुके हैं, लेकिन अब भी समय है कि इस जनसंहार को रोका जाए।”

उन्होंने ईरान की लीडरशिप को भी चेतावनी दी कि अगर अब भी बातचीत की मेज पर नहीं आए, तो ईरान की ‘बचती-खुचती विरासत’ भी नष्ट हो सकती है।

इसराइल की रणनीति: क्या लेबनान वाली रणनीति दोहराई गई?

मिडिल ईस्ट विशेषज्ञों के अनुसार, इसराइल ने ईरान के खिलाफ वही रणनीति अपनाई है जो उसने पहले लेबनान में हिज़्बुल्लाह के खिलाफ अपनाई थी। इस बार हमला सिर्फ मिसाइल ठिकानों पर नहीं बल्कि जवाबी कार्रवाई की क्षमता पर भी केंद्रित रहा।

तेहरान और अन्य शहरों से आ रही तस्वीरों से साफ है कि ईरान के सैन्य और खुफिया ढांचे को सीधे निशाना बनाया गया है। इस हमले का उद्देश्य ईरान की सैन्य रीढ़ तोड़ना हो सकता है।

ईरान की तीखी प्रतिक्रिया: “यह युद्ध की घोषणा है”

ईरान ने इसराइली हमले को ‘जंग का एलान’ करार दिया है। ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची ने संयुक्त राष्ट्र को एक कड़े लहजे वाला पत्र भेजा है जिसमें इस हमले को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया गया है। ईरान ने यूएन से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।

इससे संकेत मिलता है कि ईरान अब कूटनीतिक मोर्चे के साथ-साथ सैन्य प्रतिक्रिया पर भी विचार कर सकता है।

इसराइल में दहशत: लोग जमा कर रहे हैं खाना-पानी

हमलों और ईरान की संभावित जवाबी कार्रवाई के बीच इसराइल में आम जनजीवन पर बड़ा असर पड़ा है। यरुशलम के सुपरमार्केट्स से खाने-पीने का सामान तेजी से गायब हो रहा है। लोग बंकरों में जाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं।

इसराइली सेना ने बताया कि ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन दागे हैं, जिनमें से अधिकांश को इंटरसेप्ट कर लिया गया। अस्पतालों में रक्त स्टॉक किया जा रहा है और मरीजों को घर भेजा जा रहा है। वेस्ट बैंक में फलस्तीनी शहरों को लॉकडाउन में डाल दिया गया है।

पाकिस्तान का रुख: इसराइल की आलोचना

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने इसराइली हमले को “बेवजह और गैर-जिम्मेदाराना” बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि इससे पहले से अस्थिर क्षेत्र में और अस्थिरता आ सकती है।

“हम संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक समुदाय से अपील करते हैं कि ऐसे हमलों को तुरंत रोका जाए जो वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं।”

ट्रंप की पुष्टि: “हमें हमले की जानकारी थी, लेकिन अमेरिका शामिल नहीं”

ट्रंप ने बताया कि उन्हें इसराइली हमलों की योजना की पहले से जानकारी थी, लेकिन अमेरिका की सेना इसमें शामिल नहीं थी।
उन्होंने कहा,

“हमने एक सहयोगी देश को इस बारे में सूचित किया था, लेकिन हम सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ईरान की नेतृत्व व्यवस्था को नुकसान हुआ है और कई नेता अब शायद कभी वापस ना लौटें।

क्या एक बड़ा युद्ध करीब है?

ट्रंप का बयान, इसराइली हमले की तीव्रता और ईरानी प्रतिक्रिया — तीनों संकेत देते हैं कि मध्य पूर्व एक बार फिर बड़े संघर्ष की ओर बढ़ रहा है। इस संघर्ष के परिणाम केवल क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वैश्विक शांति और अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल सकते हैं।

अब सबकी निगाहें ईरान की अगली कार्रवाई, इसराइल की रणनीति और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर टिकी हैं। क्या यह लड़ाई थमेगी, या एक नया अध्याय शुरू होगा – यह आने वाला समय बताएगा।

“तेजस्वीवा बा फिट, बाकिर एलान खातिर घंटी कब बजेगी?”

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